विवाह इंसान की ज़िन्दगी का एक अहम् हिस्सा है जिस के बाद ही इंसान की जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती है उन जिम्मेदारियों के चलते इंसान को सिर्फ एक चीज का सुख मिलता है वो है उसका परिवार, लेकिन क्या हो अगर घर के माहौल में ही अशांति हो ? हमे अपने आस-पास के समाज में ऐसा लगभग हर रोज देखने को मिलता है जिसके अनेक कारण हो सकते है जिनमे से एक है बाल-विवाह (Child Marriage).
जी हाँ बाल-विवाह (Child Marriage) एक अपराध है जिसके उदाहरण सबसे ज्यादा राजस्थान में देखने को मिलते हैं जिसका कारण शिक्षा का अभाव या लोगो की रूढ़िवादी सोच भी हो सकती है, बालविवाह जैसे अपराध के लिए सरकार ने कुछ अहम् कदम उठाये है
राजस्थान विधानसभा में शादी के रजिस्ट्रेशन को लेकर राजस्थान सरकार एक बिल लेकर आयी हैं जिसका नाम है अनिवार्य विवाह पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2021 (Compulsory Registration of Marriages (Amendment) Bill, 2021). , इसके अनुसार किसी भी शादी से 30 दिन पहले ही रजिस्ट्रेशन करवाना जरुरी है, चाहे शादी वैध हो या अवैध सभी का पंजीकरण होना अनिवार्य है, शादी बालविवाह हुई या किसी भी प्रकार से गैर कानूनी पाई जाती है तो उस पर उचित कार्यवाही की जाएगी. जहाँ संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत बाल विवाह को पंजीकरण करने की बात कही है, वही विपक्ष ने पंजीकरण व विधेयक का विरोध किया है.
बिल पर BJP का कहना क्या कहना है? –
बीजेपी (BJP) के नेताओ ने गहलोद सरकार पर बाल विवाह को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. विधानसभा में इस विधेयक पर मत विभाजन की मांग की और जब ऐसा नहीं हुआ तो सदन से वॉक आउट कर दिया. विपक्ष ने दावा किया कि इस विधेयक से बाल विवाह वैध हो जाएगा.
BJP विधायक अशोक लाहोटी ने कहा कि ” ऐसा लगता है कि सरकार बाल विवाह की अनुमति दे रही है. अगर यह बिल पारित हुआ तो विधानसभा में यह काला दिन होगा और सदन को सर्वसम्मति से इसे रोकना चाहिए”
BJP नेता गुलाब चंद कटारिया का कहना है कि ”बाल विवाह का रजिस्ट्रेशन करना, इसे कानूनी मान्यता देने जैसा है.”
बिल पर कांग्रेस का क्या कहना है? –
संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि प्रस्तावित कानून शादी के रजिस्ट्रेशन की अनुमति देता है, लेकिन कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि ऐसी शादियां वैध हो जाएंगी. मैरिज सर्टिफिकेट एक लीगल डॉक्यूमेंट है और विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होने से विधवा महिलाओं से जुड़े और उत्तराधिकार के मामलों से जुड़े मसले सुलझाने में आसानी होगी.और हम केवल रजिस्टर्ड कर रहे हैं. इस विधेयक में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि बालविवाह को मान्यता दी गई गई है, जैसा कि अधिनियम 2006 के तहत बालविवाह को एक अपराध बताया गया है वो आज भी अपराध ही रहेगा. और अगर कोई बालविवाह शादी होती है तो उस पर कलेक्टर कार्येवाही करेंगे, धारीवाल ने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि शादी चाहे वेध हो या अवैध उसका रेसिट्रेशन होना अनिवार्य है.
उन्होंने आगे कहा कि हम केवल रजिस्टर्ड कर रहे हैं. और इस विधेयक में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि बाल विवाह को मान्य करार दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान में बाल विवाह अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह गैर कानूनी ही रहेंगे. बाल विवाह का रजिस्ट्रेशन जो भी करेगा, उसके खिलाफ कलेक्टर कार्रवाई करेंगे. अगर किसी नाबालिग लड़की की शादी होती है तो वह 18 साल की होने पर उसे कैंसल कर सकती है. धारीवाल ने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि शादी चाहे वयस्क की हो या अवयस्क उसका रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है और इसीलिए यह बिल लाया गया है.