एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के खिलाफ जीत दर्ज की है. द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से पहली बार राष्ट्रपति बनी हैं. द्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडिशा के मयूरभंज के आदिवासी गांव उबरबेड़ा गांव में हुआ था. भुवनेश्वर के रमादेवी महिला कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने सिंचाई और बिजली विभाग क्लर्क के तौर पर नौकरी कर चुकी हैं.
आज हम आपको बताने जा रहे है, कि वो कोनसी 2 चीजे है जिन्हे वो हमेशा अपने साथ रखती है और उनका जीवन किन कठिनाइयों से होकर राष्ट्रपति भवन तक उनको ले पहुंचा.

चयन होने खबर से भावुक हो उठी द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu got emotional after getting selected)
एक इंटरव्यू में राष्ट्रपति मुर्मू के करीबी विकाश जी से बात चीत के दौरान विकाश जी ने बताया कि कैसे शुरुआत हुई राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनने के सफर की. ABP Live के इंटरव्यू के अनुसार विकाश जी बताते है कि वे 1996 से द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) के साथ है.
उन्हें रात के करीब 8 बजे प्रधानमंत्री जी का फ़ोन आया था और उन्हें द्रौपदी मुर्मू से बात करवाने कि बात बोले. जब द्रौपदी मुर्मू से बात करवाने पर प्रधानमंत्री जी ने खुद उन्हें यह शुभ समाचार दिया कि राष्ट्रपति पद के लिए उनका नाम चयनित हुआ है. यह सुनते है द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) भावुक हो उठी और वो रोने लगी फिर उन्होंने खुद को संभाला और ख़ुशी की लहार दौड़ उठी.
2 चीजे जो हमेशा साथ रखती है राष्ट्रपति (2 Things That Always Keeps The President With You)
वे सुबह 3 बजे उठ जाती है उसके बाद योग करना, न्यूज़ पेपर पढ़ना, बुक पढ़ना और You Tube से स्पीच सुनना उनकी हर सुबह की शुरुआत का हिस्सा है. वो ब्रह्मकुमारी की ट्रान्सलाईट रखती है और एक छोटी सी ज्ञान की पुस्तक भी अपने साथ रखती हैं.
द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) बहुत मेहनती है और समय की कदर करती है वे हमेशा सब काम समय पे ही करती है. द्रौपदी मुर्मू शाहकारी है और उन्हें मीठे में ‘छैना पूडो’ (उड़ीसा की स्पेशल मिठाई) बहुत पसंद है.
द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय (Draupadi Murmu biography)
द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ओडिशा में मयूरभंज जिले के कुसुमी ब्लॉक के उपरबेड़ा गांव के एक संथाल आदिवासी परिवार से आती हैं। उनका जन्म 20 जून 1958 को हुआ। उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू और पति का नाम श्याम चरम मुर्मू है। बता दें 20 जून 2022 को द्रौपदी मुर्मू ने अपना 64वां जन्मदिन मनाया।
जूनियर असिस्टेंट से शुरू किया था करियर (Started career with Junior Assistant)
द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने अपने करियर की शुरुआत जूनियर असिस्टेंट के तौर पर की. उन्होंने 1979 से 1983 तक ओडिशा में सिंचाई और बिजली विभाग के जूनियर असिस्टेंट के तौर पर अपनी सेवाएँ दी.
1994 से लेकर 1997 तक रायरंगपुर के श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर में बिना वेतन लिए बतौर सहायक शिक्षक पढ़ाया था. इसके बाद 1997 में वह रायरंगपुर से पार्षद चुनी गईं. साथ ही उन्हें बीजेपी राज्य एसटी मोर्चे का उपाध्यक्ष भी बनाया गया था.
द्रौपदी मुर्मू का राजनैतिक जीवन (Draupadi Murmu’s political life)
उन्होंने 1997 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1997 में ही मुर्मू बीजेपी की ओडिशा ईकाई की अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष भी बनी थीं। मुर्मू (Draupadi Murmu) राजनीति में आने से पहले श्री अरविंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च, रायरंगपुर में मानद सहायक शिक्षक और सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में काम कर चुकी थीं।
राष्ट्रपति (President) चुनाव के लिए भाजपा ने द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को अपना उम्मीदवार बनाया है। दिल्ली में पार्टी के मुख्यालय में हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया। देश की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल मुर्मू, झारखंड की पहली महिला गवर्नर भी रह चुकी हैं। उन्होंने 18 मई 2015 को पद संभाला था। दो बार विधायक रह चुकी द्रौपदी (Draupadi Murmu) ने अपने करियर की शुरुआत टीचर के रूप में की। उन्होंने ओडिशा के सिंचाई विभाग में भी काम किया है। उन्हें बेस्ट विधायक के अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है।
बीजेपी एसटी मोर्चा की सदस्य रहीं (Member of BJP ST Morcha)
2013 में वह बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में एसटी मोर्चे की सदस्य रहीं. 10 अप्रैल 2015 तक उन्होंने यह पद संभाला था. वह 2013 में ओडिशा के मयूरभंज की जिला अध्यक्ष निर्वाचित हुईं थी. वह 2010 में भी जिला अध्यक्ष निर्वाचित हुई थीं. मुर्मू 2006 से लेकर 2009 तक ओडिशा में बीजेपी एसटी मोर्चा की अध्यक्ष रहीं. उन्हें ओडिशा विधानसभा ने 2007 सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया था.
रायरंगपुर सीट से 9 साल तक विधायक पद पर रही (Remained MLA from Rairangpur seat for 9 years)
द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) 2000 से लेकर 2009 तक रायरंगपुर सीट से दो बार विधायक चुनी गईं. उन्हें राज्य परिवहन और वाणिज्य विभाग का मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया था. 2002 लेकर 2009 तक वह बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में एसटी मोर्चा की सदस्य रह चुकी थीं. इन्होंने 2002-2004 के बीच मत्स्य पालन विभाग और पशुपालन विभाग की भी जिम्मेदारी संभाली थी.
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द्रौपदी मुर्मू के बारे में कुछ रोचक बातें (Some interesting facts about Draupadi Murmu)
- द्रौपदी मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ था. दंपति के दो बेटे और एक बेटी हुई. लेकिन शादी के कुछ समय बाद ही उन्होंने पति और अपने दोनों बेटों को खो दिया.
- मां ने नौकरी से मिलने वाले वेतन से घर खर्च चलाया और बेटी इति मुर्मू को पढ़ाया-लिखाया. बेटी ने भी कॉलेज की पढ़ाई के बाद एक बैंक में नौकरी हासिल कर ली. इति मुर्मू इन दिनों रांची में रहती हैं और उनकी शादी झारखंड के गणेश से हो चुकी है. दोनों की एक बेटी आद्याश्री है.
- उन्होंने भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया. साथ ही वह भाजपा की आदिवासी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य भी रहीं.
- द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के मयूरभंज जिले की रायरंगपुर सीट से 2000 और 2009 में बीजेपी के टिकट पर दो बार विधायक बनीं.
- ओडिशा में नवीन पटनायक के बीजू जनता दल और भाजपा गठबंधन की सरकार में द्रौपदी मुर्मू को 2000 और 2004 के बीच वाणिज्य, परिवहन और बाद में मत्स्य और पशु संसाधन विभाग में मंत्री बनाया गया.
- झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनने का खिताब भी द्रौपदी मुर्मू के नाम रहा. साथ ही वह किसी भी भारतीय राज्य की राज्यपाल बनने वाली पहली आदिवासी हैं.
- अगर द्रौपदी मुर्मू देश की राष्ट्रपति बनती हैं, तो वह ओडिशा से देश की राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी शख्स होंगी. पता हो कि द्रौपदी मुर्मू से पहले ओडिशा से वीवी गिरी देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं.
पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए बहुत बहुत सुक्रिया हम आशा करते है कि आज के आर्टिकल द्रौपदी (Draupadi Murmu) के कठिनाई भरे जीवन और कठिनाइयों होकर सफलता कि सीढ़ी चढ़ने के सफर से आपको जरूर कुछ सीखने को मिला होगा, अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया है तो तो इसे शेयर करना ना भूले और ऐसे ही अपना प्यार और सपोर्ट बनाये रखे TheHalfWorld वेबसाइट के साथ चलिए मिलते है नेक्स्ट आर्टिकल में तब तक के लिए अलविदा, धन्यवाद !