दिल्ली सरकार ने पिछले दिनों काफी इंस्पेक्टरों के तबादले किए है करीब 2 दर्जन के आस पास SHO भी बदले गए थे। नए तबादलों में 6 जिलों की कमान महिला डीसीपी को सौंपी गई हैं। इनमे सबसे अहम् बदलाव डीसीपी रैंक में महिलाओं को लेकर किया गया। इस बार राजधानी दिल्ली की सुरक्षा और शांति का जिम्मा बेटियों के हाथ में है चलिए हम कोशिश करते है आपको इन 6 महिला कॉप्स के बारे जानकारी देने की।
नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार इन सभी महिला अफसरों ने सराहनीय काम किया है।
आखिर कौन है यह 6 महिला ऑफिसर –

बेनिता मेरी जयकर- (DCP South) – निर्भया केस सुलझाने में अहम भूमिका थी – बेनिता केरल की रहने वाली है जिन्होंने डीयू से ग्रेजुएशन किया है पढ़ाई के दौरान उन्होंने 2010 में वह सिविल सर्विसेज की एग्जाम पास करके भारतीय पुलिस सेवा के लिए चुनी गईं। आईपीएस की ट्रेनिंग के दौरान जब वह साउथ डिस्ट्रिक्ट के डिफेंस कॉलोनी सब-डिविजन की एसीपी थीं, उसी समय निर्भया केस हुआ। जब निर्भया अस्पताल में एडमिट थी तो बेनिता अंत तक निर्भया के साथ अस्पताल में रही थी निर्भया को इलाज के दौरान सिंगापुर लेकर जाने और वापस लाने का जिम्मा भी बेनिता को ही दिया गया था, निर्भया केस के बाद वह एसपी (वसंत विहार) और कुछ महीने डीसीपी (लाइसेंसिंग) रहीं। इसके बाद उनका तीन साल के लिए तबादला लक्षद्वीप हो गया, जहाँ वो एसपी रहीं। वापस आकर कुछ महीने हेडक्वॉर्टर में तैनात रहने बाद फिर साउथ-वेस्ट डिस्ट्रिक्ट में उन्हें एडिशनल डीसीपी बनाया गया। वहां से 2019 में बतौर डीसीपी उन्हें सातवीं बटालियन का जिम्मा सौंपा गया। मेटरनिटी लीव के बाद साल 2021 में उन्होंने दोबारा ऑफिस जॉइन किया। अब वह पूर्ण रूप से डीसीपी रहकर उसी साउथ डिस्ट्रिक्ट की कमान संभालेंगी, जहां उनकी शुरुआती ट्रेनिंग हुई थी।

ऊषा रंगनानी (DCP North West ) – स्ट्रीट क्राइम कंट्रोल – ऊषा रंगनानी मूल रूप से यूपी के आगरा की हैं। जो कि 2011 बैच की नॉर्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट की डीसीपी हैं। साल 2021 के जनवरी से इन्हें डीसीपी की कमान सौंपी गई। नॉर्थ वेस्ट जिले में इससे पहले भी दो महिला आईपीएस ही रह चुकी है विजयंता आर्या और उनसे पहले असलम खान। बात करे ऊषा रंगनानी कि तो उन्होंने महिलाओं की सेफ्टी और उनसे जुड़े तमाम केस को प्राथमिकता के आधार पर सॉल्व कर चुकी हैं। उसके बाद वसंत विहार। नॉर्थ वेस्ट जिले से पहले 2 महीने बतौर डीसीपी पीसीआर रहीं। नॉर्थ वेस्ट जिले में रहते हुए स्ट्रीट क्राइम को न सिर्फ कंट्रोल किया है। बल्कि,इनकी साइबर सेल की टीम बेहद मजबूत है। ऊषा रंगनानी ने ही पहली बार महिला सुरक्षा को केंद्रित करते हुए नॉर्थ वेस्ट जिले की पुलिसिंग में कई नई शुरुआत की है। 46 लेडी बीट अफसर की तैनाती की। पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लेडी पुलिस को बीट अफसर बनाया गया।

श्वेता चौहान ( DCP Central ) – पुलिस भर्ती में फर्जीवाड़े का किया खुलासा – दिल्ली की रहने वाली श्वेता चौहान ने 2010 बैच की यूटी काडर की श्वेता साउथ डिस्ट्रिक्ट में अंडरट्रेनी एसीपी रहीं चुकी है। उसके बाद मॉडल टाउन और कमला मार्केट सब-डिविजन में उन्होंने बतौर एसीपी काम किया। फिर उन्हें नई दिल्ली और आउटर डिस्ट्रिक्ट में अडिशनल डीसीपी भी बनाया गया। 2017 में उनकी पोस्टिंग अरुणाचल प्रदेश में हुई जहां वह नेपाराडा जिले की एसपी (क्राइम) रहीं। बाद में वह सेकंड और फिफ्थ इंडियन रिजर्व बटालियन की कमांडेंट भी रहीं। साल 2020 में दिल्ली लौटने पर उन्हें डीसीपी (रीक्रूटमेंट) बनाया गया। हाल ही में दिल्ली पुलिस की भर्ती में फर्जीवाड़े के बड़े मामले का खुलासा करने और कई अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में भी उनकी अहम भूमिका रहीं। उन्हें डीसीपी अतिरिक्त चार्ज भी सौंपा गया।

प्रियंका कश्यप ( DCP East District ) – नई टेक्नॉलजी के बारे में जानकर – पंजाब से ताल्लुक रखने वाली प्रियंका की पढ़ाई चंडीगढ़ से हुई, प्रियंका शुरू से पढ़ाई में होशियार रही है वो सबसे पहले आईटी में इंजीनियर रह चुकी है उन्हें शुरू से पढ़ाई में लगन होने के कारण उन्होंने सिविल सर्विसेज में भी अपने आप को साबित करने की कोशिश की और उन्हें कामयाबी भी मिली. उनकी पहली पोस्टिंग नागालैंड में हुई कई जगह के तबादले के बाद उन्हें दिल्ली ईस्ट जिले की डीसीपी बनाकर लाया गया. वो महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर बेहद संवेदनशील रहती हैं। आईटी इंजीनियर हैं, लिहाजा पुलिसिंग में टेक्नो अपडेट रहती हैं। साइबर सेल टीम को टेक्नो टिप्स देती हैं। प्रियंका ने बैचमेट आईपीएस से शादी की, उनके दो बच्चे हैं।

ईशा पांडे ( DCP साउथ East ) – पत्रकारिता भी कर चुकी है – 2010 बैच की आईपीएस अधिकारी ईशा पुलिस अधिकारी रहते हुए कई किताबें भी लिख चुकीं हैं। वह दिल्ली के अलावा लक्षद्वीप और अरुणाचल प्रदेश में भी अपनी सेवा दे चुकी है ईशा पांडे सेंट्रल और नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट की एडिशनल डीसीपी भी रह चुकी हैं। बतौर डीसीपी वह दिल्ली पुलिस की स्पेशल प्रोटेक्शन यूनिट फॉर विमिन एंड चिल्ड्रंस और ट्रैफिक यूनिट में भी तैनात रही हैं। साल 2021 के फरवरी में अरुणाचल प्रदेश से लौटने के बाद उन्हें पीसीआर यूनिट में डीसीपी बनाया गया है पीसीआर को जिलों के साथ अटैच करने का पेचीदा काम उन्हीं की निगरानी में किया गया। जेएनयू से एमफिल करने के बाद कुछ समय के लिए पत्रकारिता भी कर चुकी ईशा पांडे अब पहली बार किसी जिले का पूर्ण रूप से प्रभार संभालने जा रही हैं।

उर्विजा गोयल- ( DCP West Delhi ) – ट्रैफिक में DCP भी की पोस्ट पर रह चुकी -उर्विजा गोयल ने पॉलिटिकल साइंस से पोस्ट ग्रैजुएट की पढ़ाई की है। 2011 बैच की आईपीएस अधिकारी उर्विजा गोयल ने साल 2021 में डीसीपी की कमान संभाली है। इससे पहले 2020 से फरवरी 2021 तक दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की डीसीपी भी रह चुकी है फरवरी 2019 से अक्टूबर 2020 तक इन्होंने ट्रैफिक पुलिस के डीसीपी पद का भार भी संभाला है, वह जुलाई 2018 से फरवरी 2019 तक सेंट्रल दिल्ली की अडिशनल डीसीपी रही, उनकी पहली पोस्टिंग किसी जिले में अडिशनल डीसीपी के रूप में रह चुकी है, वो 2017 से जुलाई 2018 तक अंडमान एंड निकोबार में साउथ अंडमान जिले की एसपी के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुकी है. अप्रैल 2015 से अक्टूबर 2015 तक वह चंडीगढ़ पुलिस में सुपरिंटेंडेंट भी रहीं थी।